डिग्री, डिप्लोमा के साथ विद्यार्थी कर सकेंगे शॉर्ट टर्म कोर्स…UGC ने जारी की नई गाइडलाइन
शिमला, 7 जनवरी : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से उच्च शिक्षण संस्थानों (Higher Educational Institutions) में शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स (Short Term Certificate Course) शुरू करने को लेकर एक गाइडलाइन (Guideline) जारी की है। यह सर्टिफिकेट कोर्स 12 क्रेडिट से 30 क्रेडिट तक के होंगे। नई गाइडलाइन के अनुसार ये शॉर्ट टर्म कोर्स यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पढ़ने वाले हर एक स्ट्रीम के स्टूडेंट कर सकेंगे। नए सत्र में छात्रों को ये सुविधा मिल सकती है। ये कोर्स तीन से छह महीने के होंगे।
गाइडलाइन के अनुसार शॉर्ट टर्म कोर्स करने के लिए हर वह स्टूडेंट एलिजिबल होगा जिसने यूनिवर्सिटी या कॉलेज में डिग्री, डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया होगा। नई गाइडलाइन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) 2020 के अनुसार तैयार की गई है। ऐसे स्टूडेंट्स जिन्हें किसी वजह से स्कूल या कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी है, वे भी इस कोर्स की मदद से अपनी स्किल (skill) पर काम कर सकते हैं। यूजीसी की नई गाइडलाइन में 27 टॉपिक पर शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने की मंजूरी दी गई है। इसमें रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन, डिजिटल मार्केटिंग, योगिक साइंस, सॉफ्ट स्किल एंड इफेक्टिव कम्युनिकेशन, क्रिटिकल थिंकिंग एंड प्रॉब्लम सॉल्विंग जैसे टॉपिक शामिल हैं। स्किल कंपोनेंट में प्रैक्टिकल लैब, वर्कशॉप और इंडस्ट्री में काम करने वाली हैंड्स ऑन ट्रेनिंग जैसी चीजें शामिल हैं। साथ ही यह भी कि हर तीन साल में वाइस चांसलर (vice chancellor) या प्रिंसिपल की तरफ से बनाई गई एक एक्सटर्नल कमेटी इन सेंटरों की जांच करेगी।
इंस्टीट्यूट अपनी वेबसाइट पर देंगे कोर्स की जानकारी
यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थान खुद सेंटर बना सकते हैं या फिर इंडस्ट्री की मदद से इस पर काम कर सकते हैं। यह भी कहा गया है कि इंस्टीट्यूट्स को अपनी वेबसाइट पर कोर्स के डिजाइन, करिकुलम, सीटों की संख्या और एडमिशन, कोर्स और फीस की जानकारी, हर एक कोर्स के लिए जारी किए जाने वाले सर्टिफिकेट की जानकारी अपनी वेबसाइट पर दे
नी होगी।